यही नहीं, इस कलम की नर्म-नाज़ुक नोक को टोपाज़ ब्लेड से छीलकर नुकीला बनाना भी दिलचस्प शग़ल होता था ।
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यही नहीं, इस कलम की नर्म-नाज़ुक नोक को टोपाज़ ब्लेड से छीलकर नुकीला बनाना भी दिलचस्प शग़ल होता था ।
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और यहाँ निकल खो गई मेरी आँखें यदि किसी नजर आईं हो तो बताओ बस यह एक बार मुझे नुकीला बनाना है इस पल को..
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और क्यों नहीं टूट पड़ती मुझ पर अपनी साथ वालियों के साथ क्यों वे पसंद करती हैं हर पुरुष को उनका भौंहों को नुकीला बनाना क्यों लड़की को एक अलग वर्ग में स्थापित करता है
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क्यों होती है संचालिका वेश्या क्यों नहीं हमें दबोचकर खींच लेती परदे के उस पार और क्यों नहीं टूट पड़ती मुझ पर अपनी साथ वालियों के साथ क्यों वे पसंद करती हैं हर पुरुष को उनका भौंहों को नुकीला बनाना क्यों लड़की को एक अलग वर्ग में स्थापित करता है आने-जाने वाली महिलाओं के उभार इतने उद्वेलित करने वाले क्यों होते हैं क्या उन्होंने संचालिका को मार्गदर्शक मान लिया है